Short Inspirational Stories In Hindi – Inspirational Stories
इस Post ( Short Inspirational Stories In Hindi ) में कुछ Short Inspirational Stories है।
- ईश्वर है – Short Inspiring Story In Hindi
क्या ईश्वर वास्तव में है। इसके बारे में आप के क्या विचार है? इस कहानी (ईश्वर है ) में उसी के बारे में बात की गई है।
एक मेजर के नेतृत्व में 20 जवानो की एक टुकड़ी हिमालय के अपने रास्ते पर थी। बेतहाशा ठंड में मेजर ने सोचा की अगर उन्हें वहा एक कप चाय मिल जाती तो आगे बढ़ने की ताकत आ जाती। लेकिन रात का समय था इसलिए आस – पास कोई बस्ती नहीं थी।
एक घंटे चढ़ाई करने के बाद उन्हें एक जर्जर चाय की दूकान दिखाई दी लेकिन उस पर ताला था। जवानो के आग्रह पर मेजर साहब दूकान का ताला तुड़वाने को राजी हो गए।
अंदर उन्हें चाय बनाने का सभी सामान मिल गया। जवानो ने चाय बनाई साथ ही वहा पर रखे बिस्कुट भी खाये और खुद को राहत दी। मेजर साहब ने पर्स में से 1000 रूपये निकाले और चीनी के डिब्बे के नीचे दबाकर रख दिए तथा दूकान का शटर ठीक से बंद करवाकर आगे बढ़ गए।
तीन महीने की समाप्ति पर इस टुकड़ी के सभी 20 जवान सकुशल अपने मेजर के नेतृत्व में उसी रास्ते से वापस आ रहे थे। रास्ते में उसी चाय की दूकान को खुला देखकर वहा विश्राम करने के लिए रुक गए।
उस दूकान का मालिक एक बूढ़ा चायवाला था जो एक साथ इतने सारे ग्राहक को देखकर बहुत ज्यादा खुश हो गया और उनके लिए चाय बनाने लगा।
तभी एक जवान बोला – बाबा आप भगवान् को इतना मानते हो, अगर भगवान् सच में होता तो फिर उसने तुम्हे इतने बुरे हाल में क्यों रखा हुआ है? बाबा बोले – नहीं साहब, ऐसा नहीं बोलते भगवान् के बारे में, भगवान तो सच में है .. मैंने उसे देखा भी है।
बाबा का आखरी वाक्य सुनकर सभी जवान कौतूहल से बूढ़े की ओर देखने लगे। बूढ़ा बोला – साहब, मै बहुत मुसीबत में था। एक दिन मेरे इकलौते बेटे को आतंकवादियों ने मारपीट कर छोड़ दिया।
मै दूकान बंद करके उसे हॉस्पिटल ले गया। मै बहुत तंगी मे था साहब और आतंवादियो के डर से किसी ने उधार भी नहीं दिया। मेरे पास दवाइयों के पैसो भी नहीं थे। उस रात साहब मै बहुत रोया और मैंने भगवान् से प्राथना की और मदद मांगी और साहब… उसी रात भगवान मेरी दुकान में खुद आए।
मै सुबह अपनी दुकान पर पंहुचा तो ताला टुटा देखकर मुझे लगा की मेरे पास जो कुछ भी थोड़ा बहुत था, वो भी सब लुट गया।
मै दुकान में घुसा तो देखा १००० रूपये चीनी के डब्बे के नीचे भगवान में मेरे लिए रखा हुआ है। उस दिन एक हजार रूपये की कीमत मेरे लिए क्या थी, शायद मै बयान न कर पाउ… लेकिन भगवान है साहब! यह सुनकर वहा सन्नटा छा गया।
बीस जोड़ी आँखे मेजर की तरफ देख रही थी। जिसकी आँख में उन्हें अपने लिए स्पष्ट आदेश था – चुप रहो। मेजर साहब उठे, चाय का बिल अदा किया और बूढ़े चाय वाले को गले लगाते हुए बोले – हां बाबा, मै जानता हू भगवान है… और तुम्हारी चाय भी शानदार थी।
उस दिन उन सबने पहली बार मेजर की आँखे में चमकते पानी के दुर्लभ दृश्य का साक्षात्कार किया।
- मन की शांति – Short Inspiring Story In Hindi
आप भगवान कि सेवा किसके लिए करते हे? क्या आप भगवान् से कुछ मांगने के लिए उसकी सेवा करते हे या फिर अपने मन कि शांति के लिए? हमें भगवान् से चाहे मांगने से कुछ भी मिल जाए पर दिल का चैन कभी नहीं मिलता हे। इसलिए हमें भगवान् कि पूजा सिर्फ अपने मन की शांति के लिए करनी चाहिए न कि कुछ मांगने कि वजह से। इस कहानी (मन की शांति) में यही समझाया गया हे।
एक गरीब आदमी था। वो हररोज नजदीक के मंदिर में जाकर वहा साफसफाई करता और फिर अपने काम पर चला जाता था। अक्सर वो अपने प्रभु से कहता कि मुझे आशीर्वाद दीजिये तो मेरे पास ढेर सारा धन – दौलत आ जाए।
एक दिन ठाकुरजी ने बाल रूप में प्रकट होकर उस आदमी से पूछ ही लिया कि क्या तुम मंदिर में केवल इसलिए काम करने आते हो? उस आदमी ने पूरी ईमानदारी से कहा कि हां, मेरा उद्देश्य तो यही है कि मेरे पास ढेर सारा धन आ जाए इसलिए तो आपके दर्शन करने आता हु। पटरी पर सामान लगाकर बेचता हु। पता नहीं मेरे सुख के दिन कब आएंगे?
बाल रूप ठाकुरजी ने कहा कि तुम चिंता मत करो। जब तुम्हारे सामने अवसर आएगा तब ऊपर वाला तुम्हे आवाज थोड़ी लगाएगा। बस, चुपचाप तुम्हारे सामने अवसर खोलता जायेगा। युवक चला गया। Read more …
- बंधन – Short Inspiring Story In Hindi
कई बार ऐसा होता है की हमारे विचारो को भी हममे रूचि नहीं होती है। हम ही उसे पकड़ के रखते है। हमें हमारे दिमाग मे से फालतू के विचारो को निकाल देना चाहिए तभी हम अपने दिमाग का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकते है। जब हम हमारे फालतू के विचारो मे रूचि लेना बंध कर देते है तो वह भी हमारे दिमाग मे से भाग निकलते है। इस कहानी मे एक उदाहरण के माध्यम से उसी के बारे मे बात की गयी है।
एक गुरु अपने शिष्य के साथ नगर के बाजार से जा रहे थे। शिष्यों को सिखाने का उनका एक अलग ही तरीका था। वहा एक आदमी अपनी गाय को रस्सी के सहारे घिसट रहा था। गुरु ने उस आदमी से रुकने के लिए कहा और अपने शिष्यों को आदमी और गाय के चारो ओर घेरा बनाकर खड़े होने के लिए कहा।
वह आदमी रुक गया। अब गुरूजी ने अपने शिष्यों से पूछा की बताओ कौन किससे बंधा है? यह गाय इस आदमी से बंधी है या फिर ये आदमी इस गाय से बंधा है?
शिष्यों ने तुरंत जवाब दिया की गाय इस आदमी से बंधी है। आदमी इस गाय का मालिक है, वह रस्सी पकडे हुए है, वह जहा जाता है गाय को उसके पीछे चलना पड़ता है। वह मालिक है और गाय गुलाम है।
अपने शिष्यों की बात सुनने के बाद गुरु ने अपनी कैची निकाली और रस्सी को काट दिया। जैसे ही गुरु ने रस्सी काटी गाय भाग निकली। गाय भागने लगी इस वजह से वो आदमी गाय को पकड़ने के लिए उस गाय के पीछे भागा। Read more …
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