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भगवान का प्रसाद – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

भगवान का प्रसाद – Short Story In Hindi

हम जब भगवान को भोग चढ़ाते है तो फिर भोग चढ़ने के बाद हमारा चढ़ाया हुआ भोग मतलब की प्रसाद वैसा का वैसा ही क्यों होता है? उसमे से कुछ कम क्यों नहीं होता है? क्या आपको भी इस प्रश्न का जवाब नहीं पता है? क्या आप भी इस प्रश्न का जवाब जानना चाहते है? तो फिर ये कहानी ( भगवान का प्रसाद – Short Story In Hindi ) आपके लिए ही है।

एक दिन एक लड़के ने क्लास में अपने शिक्षक से प्रश्न पूछा की गुरूजी हम भगवान् को भोग चढ़ाते है तो फिर उस भोग में से भगवान कुछ लेते क्यों नहीं है? हमारा प्रसाद उतना का उतना ही क्यों होता है? उसमे से कुछ कम क्यों नहीं होता है?

गुरूजी ने उस लड़के को तत्काल कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने उस बच्चे से कहा की में तुम्हे इसका जवाब कुछ समय के बाद देता हू। उस दिन गुरूजी ने पाठ के अंत में एक श्लोक पढ़ाया। पाठ पूरा करने के बाद गुरु जी ने सभी शिष्यों से कहा की वे सब पुस्तक में से देखकर श्लोक कंठस्थ कर ले।

करीब एक घंटे बाद गुरु ने प्रश्न करने वाले शिष्य से पूछा की उसे श्लोक कंठस्थ हुआ की नहीं? उस शिष्य ने पूरा श्लोक शुद्ध-शुद्ध गुरु को सुना दिया। फिर भी गुरु ने सिर “नहीं” में हिलाया। शिष्य ने गुरु से कहा – अगर आप चाहो तो आप पुस्तक देख लो, श्लोक बिलकुल वैसा ही मेने सुनाया जैसा इस पुस्तक में है।

गुरु ने पुस्तक दिखाते हुए कहा – श्लोक तो पुस्तक में ही है, तो तुम्हे कैसे याद हो गया? शिष्य ने कुछ नहीं कहा।

गुरु ने कहा – पुस्तक में जो श्लोक है वह स्थूल रूप में है। तुमने जब श्लोक पढ़ा, तो वह सूक्ष्म रूप में तुम्हारे अंदर प्रवेश कर गया। उसी सूक्ष्म रूप में वह तुम्हारे मन में रहता है। इतना ही नहीं, जब तुमने इसको पढ़कर कंठस्थ कर दिया, तब भी पुस्तक के स्थूल रूप के श्लोक में कोई कमी नहीं आई।

इसी प्रकार पुरे विश्व में रहते परमात्मा हमारे द्वारा चढ़ाये गए भोग को सूक्ष्म रूप में ग्रहण करते है और इससे स्थूल रूप के वस्तु में कोई कमी नहीं होती है। उसी को हम प्रसाद के रूप में स्वीकार करते है। शिष्य को उसके प्रश्न का उत्तर मिल चूका था।

शिष्य को तो उसका जवाब मिल गया। क्या आपको भी अपने प्रश्न का जवाब मिल गया? मुझे कमेंट में जरुरु बताना।

अगर आपको हमारी Story ( भगवान का प्रसाद – Short Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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