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दंड – Short Story In hindi

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Written by Abhishri vithalani

दंड – Short Story In hindi

ये कहानी ( दंड – Short Story In hindi ) अमेरिका के एक स्टोर की है। उस स्टोर में जब चोरी हुई तो वहा की अदालत ने क्या फैसला लिया उसके बारे में है।

अमेरिका में एक सोला साल का लड़का स्टोर से चोरी करता हुआ पकड़ा गया। पकडे जाने पर गार्ड की गिरफ्त से भागते भागते उससे स्टोर का एक शेल्फ भी टूट गया।

जज ने जुर्म सुना और लड़के से पूछा, तुमने क्या सचमुच कुछ चुराया था। जज का सवाल सुनते ही लड़के ने डरते डरते नीची नजर करते हुए कहा – हां, मैंने ब्रेड और पनीर का एक पैकेट चुराया था।

जज ने पूछा – क्यों तुमने ऐसा किया?
लड़के ने कहा – मुझे उसकी जरुरत थी, इसलिए मैंने ऐसा किया।

जज ने कहा – अगर तुम्हे जरुरत थी तो तुमने ख़रीदा क्यों नहीं? चुराया क्यों?
लड़के ने जवाब दिया – मेरे पास पैसे नहीं थे।

जज ने कहा – अगर तुम्हारे पास पैसे नहीं थे तो फिर तुमने अपने घरवालों से पैसे क्यों नहीं लिए?
लड़के ने कहा – घर में सिर्फ माँ ही है, वो भी बीमार और बेरोजगार है, मैंने ये ब्रेड और पनीर भी उसी के लिए चुराया था।

जज ने कहा – तुम कुछ काम नहीं करते?
लड़के ने कहा – पहले में करता था एक कार वाश में… पर माँ की देखभाल के लिए मैंने एक दिन की छुट्टी ली थी, तो उन्होंने मुझे निकाल दिया।

जज ने कहा – तुम किसी से मदद मांग लेते?
लड़के ने कहा – सुबह से घर से निकला था, तक़रीबन पचास लोगो के पास गया, आखिर में मैंने ये चोरी करने का कदम उठाया।

जिरह खत्म हुई। आपको क्या लगता है की जज ने क्या फैसला किया होंगा?

जज ने फैसला सुनाना शरू किया। चोरी और वो भी ब्रेड की चोरी बहुत शर्मनाक जुर्म है और इस जुर्म के हम सब जिम्मेदार है। अदालत में हाजिर कर शख्स उसमे में भी आ गया, हम सब इस जुर्म के मुजरिम है। इसलिए यहाँ मौजूद हर शख्स पर पंद्रह-पंद्रह डॉलर का जुर्माना लगाया जाता है।

पंद्रह डॉलर दिए बगैर कोई भी यहाँ से बाहर नहीं निकल पाएगा। इतना बोलकर जज ने पंद्रह डॉलर अपनी जेब से बाहर निकल कर रख दिए और फिर पेन उठाया और लिखना शुरू किया –

इसके अलावा मैं स्टोर पर एक हजार डॉलर का जुर्माना करता हू कि उसने एक भूखे बच्चे से गैर इंसानी सुलूक करते हुए पुलिस के हवाले किया। अगर चौबीस घंटे में जुर्माना जमा नहीं किया तो कोर्ट स्टोर सील करने का हुक्म दे देगी। जुर्माने कि पूर्ण राशि इस लड़के को देकर कोर्ट उस लड़के से माफ़ी तलब करती है।

फैसला सुनने के बाद कोर्ट में मौजूद सभी लोगो कि आँखों से आंसू तो बरस ही रहे थे, उस लड़के कि भी हिचकिया बंद हो गई। वह लड़का बार बार जज को देख रहा था जो अपने आंसू छिपाते हुए बाहर निकल गए।

आपको क्या लगता है, क्या हमारा समाज, सिस्टम और अदालत इस तरह के निर्णय लेने के लिए तैयार है? मुझे कमेंट में जरूर बताइये।

अगर आपको हमारी Story ( दंड – Short Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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