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दो सच्चे दोस्त – Inspirational Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

दो सच्चे दोस्त – Inspirational Story In Hindi

ये कहानी है दो सच्चे दोस्त की । एक गाँव में मोन्टू और पिंकू नाम के दो दोस्त रहते थे । मोन्टू 11 साल का था और पिंकू 8 साल का था । वो दोनों हमेंशा साथ में ही खेलते थे और एक दूसरे पे जान छिड़कते थे ।

एक दिन की बात है , मोन्टू और पिंकू खेलते – खेलते एक कुंवे के पास आ पहुंचे और वो दोनों खेलने में इतने व्यस्त थे की उनका ध्यान ही नहीं रहा और गलती से मोन्टू कुंवे में गिर गया । मोन्टू को कुंवे में गिरा देख के पिंकू जोर – जोर से चिल्लाने लगा । वहा पर आस – पास कोई भी नहीं था इसलिए पिंकू के चिल्लाने पर भी उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी ।

काफी देर तक चिल्लाने के बाद पिंकू को लगा की मोन्टू अब कुंवे में दुब जायेगा । उसने देखा की कुंवे के बगल में एक बाल्टी रस्सी से बांध रखी है । पिंकू ने तुरंत उस बाल्टी को कुंवे में फेंक दिया और मोन्टू से कहा की इसको पकड़ लो । मोन्टू ने उस बाल्टी को पकड़ लिया और फिर पिंकू रस्सी को अपनी तरफ खींचने लगा । पिंकू ने काफी मेहनत की और रस्सी को बहुत जोर से काफी वक्त तक खींचा । आखिर में मोन्टू बहार आ ही गया ।

दोनों ने एक – दूसरे को गले लगाया और फिर घर जाने के लिए आगे बढे । रास्ते में दोनों ने यह तय किया की हम घर जा कर बाकि सभी को भी ये बात बतायेगे । कुछ देर बाद वो दोनों घर पर पहुंच गए और सभी घरवालों को और उनके आस – पड़ोस में रहनेवाले सभी लोगो को ये बात बताई ।

सभी ने यह बात सुनी पर उनमे से कोई भी ये बात मानने के लिए तैयार नहीं था की पिंकू ने मोन्टू को बचाया । सभी को ये बात गलत लग रही थी क्योकि पिंकू मोन्टू से छोटा था । सभी यह बोल रहे थे की आखिर एक 8 साल का लड़का कैसे 11 साल के लड़के को बचा सकता है ।

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इतने सारे लोगो के बिच में सिर्फ एक दादाजी ही ऐसे थे की वो ये दो दोस्त की बात मानने के लिए तैयार थे । बाकि लोगो को जैसे पता चला की ये दादाजी मोन्टू और पिंकू की बात मान रहे है उन लोगो ने उस दादाजी से पूछा की आप ने कैसे ये दोनों की बात मान ली ?

दादाजी ने उन लोगो को बताया की ये बच्चे सच बोल रहे है , पिंकू ने मोन्टू को बचाया होगा क्योकि जब मोन्टू कुंवे में गिर गया था तब पिंकू के सिवाय वहा पर दूसरा कोई भी नहीं था जो मोन्टू को बचा सके । ये बात पिंकू भी जानता था की सिर्फ वो ही मोन्टू को बचा सकता है और वहा पर पिंकू को तुम ये नहीं कर सकते हो ऐसा बोलने वाला भी कोई नहीं था इसलिए पिंकू मोन्टू को बचा पाया ।

दादाजी की बात सुनकर बाकि सारे लोग भी समज गए और ये दो दोस्त की बातो पर भरोसा करने लगे ।

Moral : जब हमें ऐसा बोलने वाला कोई भी नहीं होता है की तुम ये नहीं कर सकते हो तब हम कुछ भी कर सकते है क्योकि उस वक्त हम सिर्फ अपने आप की बात ही सुनते है ।

अगर आपको हमारी Story अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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