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भरोसा – Inspirational Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

भरोसा – Inspirational Story In Hindi

हम लोगो पर आसानी से भरोसा नहीं करते है । इस Story  में हम यही देखने वाले है की कैसे एक सब्जी वाला लोगो पर आसानी से भरोसा करता है और उसे उसके परिणाम भी अच्छा मिलता है ।

एक सब्जीवाला था । वो अपनी सब्जी सब्जी मंडी के बाजर में अपना ठेला लगाकर बेचता था । एक दिन एक व्यक्ति उस सब्जीवाले के पास शाम को सब्जी खरीदने के लिए गया । उस व्यक्ति ने देखा की सब्जी का ठेला है पर सब्जीवाला वहा पर नहीं है ।

उस व्यक्ति ने सोचा की ये सब्जीवाला कही पर काम से गया होगा थोड़ी देर रूककर इंतजार करता हु । वो इंतजार करने लगा लेकिन वो सब्जीवाला आया ही नहीं । कुछ देर बाद उस व्यक्ति ने सब्जी का जो ठेला था उसकी तरफ देखा । ठेले पर एक छोटा सा बोर्ड लगाया हुआ था ।

उस बोर्ड पर लिखा था की आप अगर जल्दी में हो तो सब्जी खुद इस ठेले में से ले ले और उसके जो भी पैसे हो वो सामने एक डिब्बा रखा है उसमे रख दे । उस व्यक्ति ने देखा की इस बोर्ड पर तो सारे सब्जी के दाम भी लिखे है ।

मुझे बिच – बिच में मेरी बीमार माँ के लिए घर जाना पड़ता है उनकी देखभाल करने के लिए । घर पर मेरे सिवा और कोई नहीं है । मुझे इस वजह से बिच – बिच में ठेला ऐसे छोड़कर उनको खाना खिलाने के लिए और दवाई देने के लिए जाना पड़ता है ।

उस बोर्ड पर अंत में ये भी लिखा था की अगर आपके पास पैसे ना हो तो आप मुक्त में भी सब्जी ले जा सकते है । इस व्यक्ति ने सोचा की भला इस ज़माने में भी ऐसा कौन अपना ठेला रख के जाता है और मुक्त में भी सब्जी देने की बात करता है ।

उस व्यक्ति ने वहा पर जो सब्जी के पैसे लिखे थे उस हिसाब से सब्जी लेकर पैसे डिब्बे में रख दिए । अभी भी उस व्यक्ति को ये सब्जी वाले की बातो में विश्वास नहीं हो रहा था । वो बार – बार यही सोच रहा था की हर कोई थोड़ी ना ईमानदारी से पैसे रखता होगा ।

शाम को वह व्यक्ति अपने घर आ जाता है और फिर खाना खाने के बाद रात को वो बहार घूमने के लिए निकलता है । अभी भी उसके दिमाग में वो सब्जीवाला ही घूम रहा था । वो बार – बार यही सोच रहा था की ऐसे भी कौन लोगो पर भरोसा करता है ।

तभी उसी रात को उसे वो सब्जीवाला अपना ठेला समेटता हुआ नजर आता है । वो तुरंत उससे बुलाता है और कहता है की भाई आप इधर आइये मुझे आप से कुछ बाते करनी है ।

वो सब्जीवाला कहता है की आप 5 मिनट्स रुकिए में ये ठेला समेत लू उसके बाद आपसे बात करता हु । फिर वो सब्जीवाल उसे व्यक्ति के पास जाता है और वो व्यक्ति उसे कही पर बिठाता है और उनसे कहता है की आप मुझे ये बताइये की आप अपनी सब्जी का ठेला ऐसे कैसे छोड़ कर चले जाते है ।

आप लोगो पर ऐसे कैसे भरोसा रख लेते हो । क्या हर कोई ईमानदारी से आपके डिब्बे में पैसे रखता है ? ये सब सुनने के बाद सब्जीवाला ने उस व्यक्ति को अपनी कहानी सुनाई ।

उस सब्जीवाले ने कहा की मेरी माँ पिछले 2 साल से बहुत ज्यादा बीमार रहती है । मेरी पत्नी मर चुकी है और मेरे कोई संतान भी नहीं है । इस दुनिया में मेरा मेरी माँ के अलावा और कोई भी नहीं है ।

मेने मेरी माँ को एक दिन कहा था की हमारे पास इतने पैसे नहीं है की में कमाने न जाऊ और हर वक्त तुम्हारे पास रुकू । मेरी माँ मुझे यही कहती रहती है की बेटा तुम मेरे पास ही रहो , बहार मत जाओ । मेने उनको समझाने की बहुत कोशिश की थी की में अगर सब्जी बेचने नहीं जाऊंगा तो फिर आपकी दवाई और हमारे खाने – पिने के पैसे कौन देगा ।

माँ ने कहा की बेटा तुम सब्जी का ठेला सब्जी मंडी में हर सुबह रख दो और उसके साथ एक बोर्ड भी लगा देना जिसमे हमारी पूरी कहानी लिख देना । मेने उनको ये भी कहा था की अगर लोग पैसे होने के बावजूद भी मुक्त में सब्जी ले गए तो , में ऐसे कैसे किसी पर भरोसा रख सकता हु ।

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तभी माँ ने कहा बेटा तुम और किसी पर नहीं पर भगवान् पर भरोसा रखो । तुम सुबह हर रोज ठेले पर सब्जी रखने जाना और शाम को ठेला समेटने  के लिए जाना । बाकि सब ऊपर वाला देख लेगा ।

मेने सोचा की में एक बार माँ का बताया हुआ तरीका इस्तमाल तो करू । इस तरीके से में पिछले दो साल से सब्जी बेच रहा हु । में दिन में सिर्फ दो ही बार सब्जी मंडी में जाता हु और लोगो को लगता है की में बिच – बिच में आता – जाता रहता हु ।

ये सब्जीवाले की कहानी सुनकर उस व्यक्ति ने बड़े आश्चर्य से पूछा की तुम्हे क्या हर बार सब्जी के पैसे बराबर मिलते है ? या फिर कोई बार कम भी मिलते है ?

सब्जीवाले ने कहा की मुझे हररोज जितने पैसे मिलने चाहिए उतने ही मिलते है और कई बार तो ज्यादा भी मिलते है । कुछ लोग डिब्बे में पर्ची रख के जाते है और उस पर्ची में ऐसा भी लिखते है की मेने आज सब्जी के पैसे ज्यादा रखे है तुम अपनी माँ का इलाज अच्छे डॉक्टर से करवाना ।

एक बार तो एक डॉक्टर ने मुझे अपना नंबर भी दिया था और लिखा था की अगर तुम्हे कभी मेरे से इलाज करवाने की जरुरत हो तो मेरे पास आ जाना में तुम्हारी माँ का इलाज करने के कुछ भी पैसे नहीं लूंगा । सब्जीवाले ने ये भी कहा की आज तक मुझे किसी में भी कम पैसे नहीं दिए है ।

सब्जीवाले की बाते सुनकर इस व्यक्ति को लगा की में जितना सोचता हु इतने भी लोग बुरे नहीं होते है ।

अगर आपको हमारी Story अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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