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Educational Story In Hindi – फ़रियाद

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Written by Abhishri vithalani

Educational Story In Hindi – फ़रियाद

हमें अपनी कमियों कि फ़रियाद नहीं करनी चाहिए। क्योकि हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हमारी ताकत भी बन सकती है। इस कहानी ( Educational Story In Hindi – फ़रियाद) में उसी के बारे में बताया गया है।

एक 12 साल का छोटा बच्चा था जो जूडो सीखना चाहता था। अपनी लगन और इच्छा के चलते वह एक जापानी जूडो मास्टर के पास गया। लड़के ने उनसे कहा कि वो उसे जूडो सिखाये।

यह सुन जापानी जूडो मास्टर ने उसे देखा। उसका एक हाथ नहीं था। जब उससे इस बारे में मास्टर ने पूछा तो उसने कहा कि एक कार दुर्घटना में उसने अपना बायां हाथ गवा दिया लेकिन वो फिर भी यह कला सीखना चाहता है। वह खूब लगन से जूडो सीखना चाहता था।

ऐसे में मास्टर ने उसे अपना शिष्य बना लिया। लड़का पुरे मन और लगन के साथ जूडो सीख रहा था। ऐसे ही सीखते सीखते उसे तीन महीने हो गए। इतने समय में वह केवल एक ही मूव सीख पाया था।

वह चाहता था कि और भी सीखे। एक दिन अपने मास्टर के पास गया और कहा कि आपने मुझे केवल एक ही मूव सीखाया है लेकिन मुझे दूसरे मूव भी आने चाहिए, क्या आपको ऐसा नहीं लगता?

मास्टर ने जवाब दिया कि यह एक मूव ही है जो तुम जानते हो। तुम्हे बस यही जानने कि जरुरत है। लड़के को अपने मास्टर पर पूरा भरोसा था, इसलिए आगे भी वह जूडो सीखता रहा।

कुछ महीने बीते। फिर मास्टर उस बच्चे को अपने साथ एक जूडो प्रतियोगिता में ले गए। इसका पहला मुकाबला उसने आसानी से जीत लिया। दूसरे मुकाबले में भी जीत उसके ही हाथ लगी।

अब बारी थी तीसरे मुकाबले की। तीसरे मुकाबले में उसे एक दमदार प्रतियोगी का सामना करना पड़ा। वह लगातार हार रहा था, लेकिन आखिरी में उसने एक मूव का इस्तेमाल किया जो उसके मास्टर ने उसे सीखाया था।

इस मूव को देख कर सामने वाले ने हार मान ली। यह देख लड़का हैरान तो था लेकिन साथ ही साथ वो खुश भी था। अब वह लड़का फाइनल में पहुंच गया था। यहाँ पर उसका मुकाबला एक अनुभवी और मंजे हुए खिलाडी से हुआ। इससे जीत पाना लगभग नामुमकिन ही लग रहा था।

मुकाबला शुरू होते ही प्रतियोगी उस पर हावी हो गया। फिर एक समय रेफरी को लगा की कही लड़के को चोट न लग जाए, ऐसे में उसने टाइम आउट का इशारा दिया, लेकिन मास्टर ने रेफरी से मुकाबला जारी रखने का अनुरोध किया।

इसी दौरान सामने वाले प्रतियोगी ने एक भूल कर दी, इससे लड़के ने अपना वही मूव आजमाया जिसे उसके मास्टर ने सीखाया था। इसी मूव की वजह से यह ये मुकाबला जीत गया।

वापस लौटते समय मास्टर और वो लड़का उस मूव की बात कर रहे थे। लड़के ने मास्टर से पूछा कि आपको कैसे पता था कि में केवल एक मूव के भरोसे ये प्रतियोगिता जीत सकता हु?

मास्टर ने कहा कि 2 कारणों से तुम्हे ये जीत हांसिल हुई है। पहला तो यह कि तुम्हे जूडो का सबसे मुश्किल मूव पता था। दूसरा यह कि उस मूव से बचने का तुम्हारे प्रतियोगी के पास केवल एक ही तरीका था और वो ये था कि वो तुम्हारा बायां हाथ पकड़ ले, लेकिन शारीरिक कमजोरी के चलते यह नहीं हो पाया क्योकि तुम्हारा बायां हाथ था ही नहीं।

Moral : हमें अपनी कमियों की फ़रियाद नहीं करनी चाहिए। हम सभी यह समझ नहीं पाते है कि एक दिन हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हमारी ताकत भी बन सकती है। ऐसे में यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि हममें कोई कमी है। हमें अपना कर्म करते रहना चाहिए। सफलता जरूर मिलेगी।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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