10 Lines Short Stories With Moral In Hindi
नैतिक कहानियाँ हमें जीवन के मूल्यों और सिद्धांतों को सीखने का सुंदर तरीका प्रदान करती हैं। इन कहानियों (10 Lines Short Stories With Moral In Hindi) के माध्यम से विभिन्न चरित्रों के अनुभव से हमें नैतिक शिक्षा मिलती है, जो जीवन को सकारात्मक और सार्थक बनाने में मदद करती हैं। इस Post (10 Lines Short Stories With Moral In Hindi) में हम आपको ऐसी ही कुछ नैतिक कहानियाँ बताएंगे जो आपके जीवन को सकारात्मक और सार्थक बनाने में मदद करेगी।
- गरीब आदमी और अहंकारी राजा
एक राजा था जो बहुत ज्यादा घमंडी था और वो हमेशा सोचता था कि वह सबसे अच्छा है।
राजा हमेशा अपने धन और शक्ति पर घमंड करता रहता था, और अपनी प्रजा को नफ़रत की दृष्टि से देखता था।
एक दिन राजा बाजार में टहल रहा था और उसने एक गरीब आदमी को भीख मांगते हुए देखा।
राजा घमंडी था इसलिए उसने उस आदमी को अनदेखा किया और आगे चलने लगा।
गरीब आदमी ने राजा को पुकारा और कहा, महाराज, मैं गरीब हो सकता हूँ, लेकिन मेरे पास कुछ ऐसा है जो आपके पास नहीं है।
उस आदमी की बात सुनकर राजा को आश्चर्य हुआ और उसने गरीब आदमी से पूछा कि उसके पास ऐसा क्या है जो राजा के पास नहीं है।
गरीब आदमी ने कहा, मेरे पास लोगों का प्यार और सम्मान है। जिसे कोई भी धन या शक्ति नहीं खरीद सकती।
राजा गरीब आदमी की बातों का अर्थ अच्छे से समझ गया और उसे अपने घमंडी स्वभाव पर अफ़सोस होने लगा।
उस दिन से, राजा ने अपनी प्रजा के साथ अधिक सम्मान और दया के साथ व्यवहार करना शुरू कर दिया।
राजा ने सीखा कि सच्ची महानता धन या शक्ति से नहीं, बल्कि दूसरों के प्यार और सम्मान से नापी जाती है।
Moral : हमारा अहंकार और अभिमान हमें अपनी कमियों के प्रति अंधा बना सकता है। सच्ची महानता को भौतिक संपत्ति या सामाजिक स्थिति से नहीं नापा जाता है, बल्कि जिस तरह से हम दूसरों के साथ दया और सम्मान के साथ पेश आते हैं उसी से नापा जाता है।
- चरवाहा और भेड़िया
एक छोटा सा लड़का था जो अपनी भेड़ों के साथ एक गाँव में रहता था।
एक दिन लडके को गाँववालों के साथ मस्ती करने का मन हुआ।
वह चिल्लाते हुए गाँव में भागा, “भेड़िया! भेड़िया! एक भेड़िया मेरी भेड़ों पर हमला कर रहा है!”
लड़के के चिल्लाने से भयभीत गाँववाले उसकी सहायता के लिए दौड़े, लेकिन गांववालों ने देखा की वहां कोई भेड़िया नहीं था।
लड़का अपने मज़ाक पर हँसा और अपनी भेड़ों को चराने के लिए वापस चला गया।
उसी दिन से लड़के को झूठा कहा जाने लगा और उसने अपने गांव के लोगो का भरोसा खो दिया।
कुछ दिनों बाद फिर से लड़का भागते हुए गाँववालों के पास आया और चिल्लाया “भेड़िया! भेड़िया! एक भेड़िया मेरी भेड़ों पर हमला कर रहा है!”।
गाँववाले, पिछली घटना को याद करके, लड़के पर विश्वास करने में हिचकिचा रहे थे और उसकी सहायता के लिए नहीं आए।
लेकिन इस बार वास्तव में एक भेड़िया भेड़ों पर हमला कर रहा था, लेकिन लड़के की मदद करने के लिए कोई नहीं आया।
लड़के को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने झूठ बोलने और दूसरों को गुमराह करने का परिणाम देख लिया था।
Moral : हमें हमेशा सच बोलना चाहिए। क्योकि झूठ बोलने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
- लालची राजा
एक लालची राजा था जो धन और संसाधनों का संग्रह करता था।
राज्य में प्रजा गरीबी और भुखमरी से पीड़ित थी, दूसरी तरफ राजा विलासिता का जीवन व्यतीत करता था।
एक दिन, एक बुद्धिमान ऋषि राज्य में आए और उन्होंने राजा को अपने कार्यों के परिणामों के बारे में बताया।
ऋषि ने समझाया कि राजा का लालच राज्य के पतन का कारण बनेगा।
राजा ने ऋषि की बातों पर ध्यान नहीं दिया और वो तो अपने लालची तरीके से जीवन जीवता रहा।
आखिरकार, राज्य पर एक प्राकृतिक आपदा आ पड़ी, धन संपत्तियां नष्ट हो गयीं।
राज्य को भारी नुकसान हुआ और लोग राजा के खिलाफ हो गए।
राजा के पास कुछ भी नहीं बचा था, और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।
उसने अपने तरीके बदलने और अपने राज्य में लोगों की मदद करने का फैसला किया।
राजा के कार्यों ने उसे अपने लोगों का प्यार और सम्मान अर्जित किया और राज्य एक बार फिर समृद्ध हुआ।
Moral: लालच से विनाश होता है, लेकिन दया और करुणा से समृद्धि और खुशी आती है।
- ईमानदारी
एक गाँव में रूपा नाम की एक लड़की रहती थी।
रूपा को झूठ बोलने और लोगों को परेशान करने की आदत थी।
एक दिन, उसने लोगों को परेशान करने के लिए अपने पड़ोसी के बारे में झूठ बोला।
लेकिन रूपा का झूठ पकड़ा गया।
गाँववाले उससे नाराज थे और कोई भी उसका दोस्त नहीं बनना चाहता था।
रूपा को अपनी गलती का एहसास हुआ, रूपा ने सच कबूल कर सभी से माफ़ी मांगने का फैसला किया।
गांववाले उसकी ईमानदारी से प्रभावित हुए और उसे माफ कर दिया।
रूपा ने सीखा कि परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो हमेशा सच बोलना चाहिए।
वह ईमानदारी का जीवन जीने लगी और एक भरोसेमंद व्यक्ति के रूप में जानी जाने लगी।
गाँव के लोग उसकी ईमानदारी के लिए उसका सम्मान और प्रशंसा करते थे।
Moral: ईमानदारी हमेशा सबसे अच्छी नीति है और ईमानदारी से व्यक्ति दूसरों से सम्मान और विश्वास प्राप्त कर सकता है।
- आलसी टिड्डा और मेहनती चींटी
एक खेत में एक चींटी और एक टिड्डा रहते थे।
चींटी हर दिन कड़ी मेहनत करती थी, भोजन इकट्ठा करती थी और वो सर्दियों के लिए भोजन जमा करती थी।
दूसरी तरफ टिड्डा भविष्य के बारे में बिलकुल भी नहीं सोचता था और अपना पूरा दिन खेलने और गाने में व्यतीत करता था।
एक दिन टिड्डे ने चींटी को कड़ी मेहनत करते हुए देखा और उससे पूछा कि जब खेत में खाने के लिए बहुत कुछ है तो वह भोजन क्यों जमा कर रही है।
चींटी ने जवाब दिया, “मैं सर्दियों के लिए भोजन इकठ्ठा कर रही हूँ, ताकि जब भोजन की कमी हो तो मेरे पास खाने के लिए पर्याप्त खाना हो।”
टिड्डा हंसा और बोला, “इतनी मेहनत करके अपना समय क्यों बर्बाद कर रही हो? आओ मेरे साथ खेलो!”
चींटी कड़ी मेहनत करती रही, जबकि टिड्डा पूरे दिन खेलता और गाता रहा।
जैसे-जैसे सर्दियो के दिन आने लगे, टिड्डे को एहसास हुआ कि उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं है, जबकि चींटी के पास बहुत सारा खाना जमा है।
टिड्डे को अपने आलस्य पर शर्म आने लगी और वह चींटी के पास खाना मांगने गया।
चींटी ने टिड्डे को माफ कर दिया और अपना भोजन दिया, लेकिन उसे कड़ी मेहनत करने और भविष्य के लिए योजना बनाने के महत्व की याद दिलाई।
Moral: जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत और तैयारी महत्वपूर्ण है। हमेशा मौज-मस्ती और मनोरंजन से अपना समय बर्बाद नही करना चाहिए और भविष्य के लिए योजना बनानी चाहिए।
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