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मेंढक का रखवाला – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

मेंढक का रखवाला – Short Moral Story In Hindi

आत्म-घमंड और गर्व कभी भी हमारे मानसिकता को बिगाड़ सकते हैं। इसलिए हमें उससे दूर रहना चाहिए। ये कहानी (मेंढक का रखवाला – Short Moral Story In Hindi) उसी के बारे में है।

एक समय की बात है, एक राजा अपने राज्य के सुख-शांति के लिए प्रसिद्ध थे। वे एक प्रेरणा स्त्रोत थे, जिनके नेतृत्व में उनका राज्य समृद्धि की ऊंचाइयों तक पहुंच गया था। एक दिन, वे अपने गुरु के साथ घूमने निकले।

राजा अपने बड़े शानदार दरबार और उनके साथी सैनिकों के साथ गर्व से घूम रहे थे। धीरे-धीरे, उनके मन में अहंकार के भाव उत्पन्न होने लगे कि वे खुद एक महान राजा हैं जो अपने प्रजा की भलाई के लिए सब कुछ करते हैं।

उनके गुरु, जो एक ज्ञानी आत्मा थे, उन्होंने राजा के दिल की बात को पढ़ लिया। वे तय कर लिए कि राजा को एक महत्वपूर्ण सिख दी जाए, और वे इस गर्व से मुक्त हो सकें।

अचानक, उनके रास्ते में एक बड़ा पत्थर आ गिरा। गुरु जी ने राजा के सैनिकों से कहा, “इस पत्थर को तोड़ दो।”

सैनिकों ने मिल कर पत्थर को तोड़ा, और जैसे ही पत्थर टूटा, एक अद्वितीय दृश्य सामने आया। पत्थर के दो टुकड़े हो गए और उनके बीच कुछ पानी था, और उसमें एक छोटा सा मेंढ़क बसा था।

सभी हेरत में थे कि यह मेंढ़क कैसे पत्थरों के बीच फंसा हुआ था, और फिर भी वह जिन्दा था।

गुरु ने फिर से राजा की ओर मुड़कर पूछा, “अगर आप मानते हैं कि आप हर एक की देखभाल कर रहे हैं, सबको पाल-पोष कर रहे हैं, तो बताइए, पत्थरों के बीच फंसे उस मेंढ़क का रखवाला कौन था? कौन था जो उसकी सुरक्षा कर रहा था?”

राजा को अपनी गलती का अहसास हो गया। उन्होंने अपने अभिमान पर पछतावा होने लगा और उन्होंने गुरु के उपदेश को मान लिया कि जीवन में सब कुछ ईश्वर की कृपा है और हर जीव का एक महत्वपूर्ण स्थान है।

Moral : इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि आत्म-घमंड और गर्व कभी भी हमारे मानसिकता को बिगाड़ सकते हैं। हमें हमेशा ईश्वर या उपरवाले के प्रति कृतज्ञ और विनम्र रहना चाहिए, चाहे हम कितने भी सफल या प्रसिद्ध हों। इसके बिना, हम खुद को खो सकते हैं और दुर्भाग्य से गुजर सकते हैं।

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Abhishri vithalani

I am a hindi blogger. I like to write stories in hindi. I hope that by reading my blog you will definitely get to learn something and your attitude of living will also change.

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