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जीवन से लगाव – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

जीवन से लगाव – Short Story In Hindi

कुछ लोगो को बड़ी परेशानी के साथ अपना गुजारा करते देख कर आप सोच रहे होंगे की इसके जीने का क्या फायदा। पर हमें किसी के भी जीवन के बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए। क्योकि इंसान की जिंदगी में सब दिन हमेशा एक से नहीं रहते है। इसलिए हमें किसी भी तरह का अभिमान नहीं करना चाहिए। इस कहानी ( जीवन से लगाव – Short Story In Hindi ) में उसी के बारे में बात की गई है।

एक व्यक्ति भीख मांगकर अपना गुजारा करता था। उसका वृद्ध शरीर इतना जर्जर हो चूका था कि उसकी एक – एक हड्डी गिनी जा सकती थी। उसकी आँखों की ज्योति लगभग जा चुकी थी और शरीर में कुष्ठ रोग हो गया था।

एक युवक रोज उस भिखारी को देखता, उसे देखकर युवक के मन में घृणा और दया के भाव एक साथ उमड़ते थे। वो सोचता था की इसके जीने का क्या फायदा? जीवन से इसे इतना लगाव क्यों है? ईश्वर उसे मुक्ति क्यों नहीं दे देते?

एक दिन जब उससे रहा नहीं गया, तो वह भिखारी के पास जाकर बोला, बाबा तुम्हारी इतनी बुरी हालत है, फिर भी तुम जीना चाहते हो और भीख मांगते हो। तुम ईश्वर से यह प्राथना क्यों नहीं करते की वह तुम्हे इस नरक जैसे जीवन से मुक्त कर दे।

इस पर भिखारी कुछ देर तक मौन रहा फिर बोला, बेटा जो तुम कह रहे हो वही बात मेरे मन में भी कई बात उठती है। में ईश्वर से बार – बार यही प्राथना करता हू पर वह मेरी सुनता ही नहीं।

शायद वह चाहते है की मै इसी धरती पर बना रहू ताकि दुनिया वाले मुझे देखे और समझे कि एक दिन मै उन्ही की तरह था, लेकिन कभी वह दिन भी आ सकता है जब किसी कारणवश वे भी मेरी ही तरह हो जाए।

इसलिए किसी को भी अपने ऊपर किसी भी तरह का अभिमान नहीं करना चाहिए। इंसान की जिंदगी में सब दिन हमेशा एक से नहीं रहते। युवक भिखारी के शब्दो में छिपी बातो का मर्म समझ गया। उसे लगा की भिखारी ने उसकी आँखे खोल दी है। इसके बाद जीवन भर उसने फिर किसी के जीवन को हेय समझने की गलती नहीं की।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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