Moral Short Stories

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि – Short Moral Story In Hindi

jaisee-drshti-vaisee-srshti-short-story-in-hindi
Written by Abhishri vithalani

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि – Short Moral Story In Hindi

अक्सर चीजें हमें वैसी नहीं दिखती जैसी वे हैं, बल्कि वैसी दिखती हैं जैसे हम हैं। ये कहानी (जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि – Short Moral Story In Hindi) उसी के बारे में है।

एक बुद्धिमान व्यक्ति थे, जो अपने गाँव के पास एक शांतिपूर्ण स्थल पर बैठे रहते थे। एक दिन, एक यात्री उधर से गुजरा और उसने उस व्यक्ति से पूछा, इस गाँव में किस तरह के लोग रहते हैं क्योंकि मैं अपना गाँव छोड़ कर किसी और गाँव में बसने की सोच रहा हूँ।

तब उस बुद्धिमान व्यक्ति ने पूछा, तुम जिस गाँव को छोड़ना चाहते हो, उस गाँव में कैसे लोग रहते हैं ? उस यात्री ने कहा, वे स्वार्थी, निर्दयी और रूखे हैं। तभी बुद्धिमान व्यक्ति ने उसे जवाब दिया की इस गाँव में भी ऐसे ही लोग रहते हैं।

कुछ समय के बाद एक दूसरा यात्री वहाँ आया और उसने भी इस बुद्धिमान व्यक्ति से वही सवाल पूछा की इस गाँव में किस तरह के लोग रहते हैं? बुद्धिमान व्यक्ति ने उससे भी पूछा, तुम जिस गाँव को छोड़ना चाहते हो, उस गाँव में कैसे लोग रहते हैं ?

तभी इस दूसरे यात्री ने कहा की वहाँ के लोग दयालु , विनम्र और एक-दूसरे की मदद करने वाले हैं। तब बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा, इस गाँव में भी तुम्हें ऐसे ही लोग मिलेंगे।

आम तौर पर हम दुनिया को उस तरह नहीं देखते जैसी वह है बल्कि हम दुनिया को इस तरह देखते है जैसे हम खुद है ।

ज्यादातर मामलों में अगर देखा जाए तो दूसरे लोगों का व्यवहार हमारे ही व्यवहार का आईना होता है।

Moral : अगर हमारा इरादा अच्छा होता है तो हम दूसरों का भी इरादा अच्छा होगा वैसा मान लेते हैं और अगर हमारी नियत बुरी होती है तो हम सामने वालो की भी नियत बुरी है वैसा मान लेते है। हम जैसे होते है सामने वाले भी हमें वैसे ही दीखते है।

अगर आपको हमारी Story (जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि – Short Moral Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

Leave a Comment