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बीरबल की कल्पना – Short Moral Akbar Birbal Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

बीरबल की कल्पना – Short Moral Akbar Birbal Story In Hindi

अकबर और बीरबल की इस कहानी(बीरबल की कल्पना – Short Moral Akbar Birbal Story In Hindi) में बीरबल अपनी चतुराई से एक मुश्किल स्थिति में से आसानी से बाहर निकला जाता है।

बादशाह अकबर का आदर्शशील और बुद्धिमत्ता से भरपूर दरबार हमेशा राज्य के बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करता था। बादशाह की आज्ञा से ही यह दरबार भरपूर समृद्धि और ज्ञान की कोई भी कमी महसूस नहीं करता था।

बादशाह की सबसे प्रिय विचारशील और बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण प्रेमिका थी बीरबल, जो न केवल उनके विशेष सलाहकार थे, बल्कि उनके मित्र और मंत्री भी।

बादशाह अकबर के मन में एक दिन एक विचार उत्पन्न हुआ कि क्या कभी व्यक्ति की कल्पना उसके मनोबल को व्यक्त करने में सहायक हो सकती है। उन्होंने तय किया कि वे अपने मंत्री बीरबल से इस मुद्दे पर विचार करने के लिए पुकारेंगे।

बादशाह अकबर ने दरबार में एक दिन बीरबल को बुलवाया और उन्हें अपनी विचारशीलता का परीक्षण करने का आदेश दिया। उन्होंने बीरबल से अपनी कल्पना की सीमा को बढ़ाकर देखने की अपेक्षा की थी। बादशाह ने उनसे कुछ पेंट करने की आवश्यकता बताई।

बीरबल ने आदरपूर्वक लेकिन स्थिरता से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें चित्र बनाने का ताल्लुक नहीं था, और उन्हें लगा कि उन्हें इसमें सफलता नहीं मिलेगी। लेकिन बादशाह का मन अकर्मकांड नहीं मानता था, और उन्होंने बीरबल को धमकाकर कह दिया कि वे एक हफ्ते में पेंटिंग तैयार करके दिखाएं, वरना वे उन्हें सजा देंगे।

बीरबल ने इस बड़ी समस्या के सामने खड़ा होने का साहस किया। उन्होंने एक हफ्ते के समय में विचारशीलता का अद्भुत प्रदर्शन किया। उन्होंने बादशाह को एक ऐसी पेंटिंग प्रस्तुत की जिसमें केवल आसमान और ज़मीन दिख रहे थे।

बादशाह अकबर नाराज हो उत्तरदायी सवाल पूछते हैं, जिसपर बीरबल ने सुझाव दिया कि पेंटिंग में उन्होंने एक ऐसी स्थिति को दिखाने का प्रयास किया है जिसमें घास खाने वाली गाय ने घास खाई और फिर अपने गोदाम में चली गई। उनकी कल्पना के अनुसार, गाय की क्रियाएँ पेंटिंग में प्रतिबिम्बित नहीं की गई हैं, केवल ज़मीन और आसमान दिख रहे हैं।

इस सरल और सार्थक उत्तर से बादशाह अकबर ने खुशी की अलंब में होने के साथ-साथ बीरबल की त्वरित बुद्धि की प्रशंसा की। उन्होंने समझाया कि मनुष्य की कल्पना उसकी नैतिकता, विवेक, और बुद्धिमत्ता का परिचायक हो सकती है।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता का मार्ग उसकी कल्पना, नैतिकता, और बुद्धिमत्ता से होता है। बीरबल की बुद्धिमत्ता ने उन्हें समस्याओं का सही समाधान ढूंढने में मदद की और उनकी नैतिकता ने उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। बीरबल की यह कल्पना और उसका सही अनुप्रयोग ने उन्हें उनके महत्वपूर्ण मिशन में सफलता दिलाई और उन्हें बादशाह की प्रशंसा प्राप्त करने का एक बड़ा कारण बना।

Moral : हमारी कल्पना हमारी शक्तियों का परीक्षण कर सकती है और यदि हम इसे सही दिशा में उपयोग करें, तो हम किसी भी समस्या का सही समाधान निकाल सकते हैं।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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