Inspiring Motivational Short Stories

हमें हर वक़्त अपने आप को बेहतर बनाना चाहिए

Written by Abhishri vithalani

आज में आपको एक मूर्तिकार की inspirational story से बताने वाली हु की हमें कैसे अपने आप को और भी बेहतर बनाना चाहिए । अगर आप अपनी life में पहले बहुत आगे थे और अब रुक गए हो तो ये inspirational story  आपके लिए ही है ।

हमें हर वक़्त अपने आप को बेहतर बनाना चाहिए – Inspirational Story

एक छोटे से गाँव में एक मूर्तिकार रहता था । वो बहुत ही अच्छी मुर्तिया बनाता था । इसकी मूर्तियों की तारीफ सभी करते थे ।कुछ समय के बाद उसको बेटा हुआ । उसके बेटे ने छोटी ही उम्र में मुर्तिया बनाना शुरू कर दिया । बाप अपने बेटे के इस काम से बहुत खुश था पर वो उसकी बनायीं हुई मूर्तियों में हमेशा कोई न कोई कमी निकलता रहता था । बेटा भी बाप की सलाह हमेशा मानता था और अपनी मूर्ति को और भी बेहतर बनाने की कोशिश करता था । इस बजह से बेटे की मुर्तिया दिन व दिन बहुत ही ज्यादा अच्छी बनने लगी ।

कुछ समय के बाद एक ऐसा समय आया की लोग बाप से भी ज्यादा बेटे की मूर्तियों की तारीफ करने लगे और बेटे की मुर्तिया बाप से भी ज्यादा दाम में बिकने लगी । बाप की मुर्तिया वो ही पुराने दाम में ही बिकती रही । बाप अभी भी बेटे को उसी प्रकार सलाह देते रहे जैसे पहले देते थे । बेटे को अब वो पहले जितना अच्छा नहीं लगता था फिर भी वो बाप की सलाह लेकर अपनी मूर्तियों में सुधार लाता था ।

एक दिन बेटे का सब्र खतम हो गया और इसने बाप को बोला की अगर आप को मेरे से अच्छी मुर्तिया बनानी आती है तो फिर क्यों नहीं बनाते हो और मुझे हर बार क्यों सलाह देते हो । ये सुनकर बाप ने बेटे को सलाह देना छोड़ दिया । कुछ समय के बाद लोगो ने बेटे की मूर्तियों की तारीफ करना छोड़ दिया । अब बेटे की मुर्तिया पहले जितने दाम में नहीं बिकती थी और लोगो को ज्यादा पसंद भी नहीं आती थी ।

ये सब देखकर बेटा चिन्तीत हो गया और वो अपने बाप के पास गया और कहा की ऐसा क्यों हो रहा है । मेरी मुर्तिया पहले जितनी क्यों नहीं बिक रही है । बाप ने ये सब बेटे की बाते  बहुत ही शांति से सुनी जैसे बाप को पता ही था की ये सब होने वाला है । बेटे ने कहा क्या आपको पता था की मेरे साथ ऐसा कुछ होने वाला है ? बाप ने कहा हा मुझे पता था क्योकि मेरे साथ भी ये सब हो चूका है ।

बाप ने बेटे को समजाते हुए बोला की पहले जब भी में तुम्हे सलाह देता था तब तुम अपने आप को और भी बेहतर बनाने की कोशिश करते थे । अब जब तुम खदु से satisfy हो गए हो तब से तुम में और भी अच्छा होने की कोशिश नहीं रही । इस लिए तुम्हारी मुर्तिया भी पहले जितनी अच्छी नहीं बन रही है ।

हमारी लाइफ में भी ऐसा ही होता है जब हम खुद से satisfy होने लगते है तब हम अपने आप को बेहतर नहीं बना पाते है । जब तक हम अपने आप से unsatisfy होते है तब तक ही हम अपने आप को बेहतर बना सकते है और तब तक ही बेहतर बनाने की कोशिश करते रहते है । इसलिए हमें हर वक़्त अपने आप को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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