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गड्डा खोदोगे तो गिरोगे – Short Kids Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

गड्डा खोदोगे तो गिरोगे – Short Kids Story In Hindi

दुसरो के लिए गड्डा खोदने वाला एक दिन खुद उसमे गिर जाता है। बुराई को कभी भी बुराई से जीता नहीं जा सकता है। बुराई को जीतने के लिए हमेशा अच्छाई ही काम आती है। इस कहानी (गड्डा खोदोगे तो गिरोगे – Short Kids Story In Hindi) में उसी के बारे में बताया गया है।

एक कुए में गंगाधर नाम का मेंढको का मुखिया रहता था। उसके परिवार में 10 सदस्य थे। मुखिया किसी तरह से अपने परिवार के लिए भोजन इकठ्ठा करता था। भोजन की व्यवस्था करने के लिए उसको दूर – दूर तक जाना पड़ता था।

एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे कुए में वह भटकता रहता था। उसके पड़ोस में रहने वाले मेढ़क बहुत दुष्ट प्रवृति के थे और वह इस बात से परेशान था कि उसके पडोसी मेंढक उसके परिवार के मेंढ़को के भोजन को खा जाते है।

गंगाधर रिश्तेदारों और पड़ोसियों से क्षुब्ध होकर उनको ठिकाने लगाने कि युक्ति सोचने लगा। एक दिन वह कुए के बाहर इस बारे में सोच ही रहा था तो उस को प्रियदर्शन नाम का काला सांप दिखाई दिया।

मेंढक के मन में एक युक्ति सूझी। उसने सोचा, क्यों न मै सांप से मित्रता कर लू, सांप कि मित्रता से बहुत लाभ पहुंचेगा। कुछ दिनों मै सांप और मेंढक में मित्रता हो गई और मेंढक गंगाधर ने अपनी जाती के विरोधियो का खात्मा करने कि जिम्मेदारी उसको सौप दी।

सांप प्रियदर्शन मेंढक गंगाधर से बोला कि मै कुए में जाने में असमर्थ हु, जहा तुम अपने रिश्तेदारों के साथ रहते हो। मेंढक गंगाधर ने कहा कि मै तुम्हे रास्ता दिखलाते हुए अपने साथ में चलूँगा। तब क्या था, मेंढक आगे – आगे और सांप पीछे – पीछे रेंगते हुए चल दिया।

गंगाधर ने अपने रिश्तेदारों का ठिकाने बताकर उनको सांप का ग्रास बनवा दिया। जब गंगाधर के सारे दुश्मन खत्म हो गए तब भी प्रियदर्शन कि भूख नहीं मिटी। उसके बाद उसने गंगाधर और उसके परिवार का भी खात्मा कर दिया।

इसलिए कहा जाता है कि दुसरो के लिए गड्डा खोदने वाला एक दिन खुद उसमे गिर जाता है। बुराई को कभी भी बुराई से जीता नहीं जा सकता है।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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