Moral Panchtantra

संगीतमय गधा – Panchtantra Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

संगीतमय गधा – Panchtantra Moral Story In Hindi

अगर कोई हमारे लिए कुछ बेहतरीन सलाह देता है, तो हमें उसे मान लेना चाहिए। ये कहानी (संगीतमय गधा – Panchtantra Moral Story In Hindi) में उसी के बार में बात की गयी है।

एक गाँव में एक धोबी बसता था। उसके पास एक गधा था, जिसका नाम मोती था। धोबी बहुत ही कंजूस था, और वह मोती को ठीक से खाना भी नहीं देता था, बल्कि उसे अकेले बाहर जाने के लिए भेज देता था। इसके कारण, मोती बहुत ही दुर्बल हो गया था।

एक दिन, जब धोबी ने उसे चारा खाने के लिए बाहर छोड़ दिया, तो मोती ने दूर के जंगल में अपनी यात्रा जारी की। वहाँ जंगल में एक गीदड़ से मिला।

गीदड़ ने पूछा, “मोती भैया, तुम इतने कमजोर क्यों हो?” तो मोती ने उत्तर दिया, “मेरे से पूरा दिन काम करवाया जाता है, और मुझे खाने के लिए कुछ नहीं दिया जाता है। इसलिए मुझे भूख लगती है और मुझे खोज करके खाने के लिए जंगल में जाना पड़ता है। इसके कारण, मैं बहुत ही कमजोर हो गया हूँ।” गधे की बात सुनकर गीदड़ ने कहा, “मैं तुम्हें एक सलाह देता हूँ, जिससे तुम बहुत ही स्वस्थ और बलशाली हो सकते हो।”

गीदड़ ने कहा, “यहाँ पास ही एक बड़ा बाग है, जिसमें हरी-भरी सब्जियाँ और फल उगते हैं। मैंने बाग में पहुंचने का एक छुपा रास्ता बना रखा है, जिससे मैं हर रात जाकर सब्जियों और फलों का आनंद लेता हूँ। इसीलिए मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ।” गीदड़ की बात सुनकर मोती ने तय किया कि वह उसके साथ जाएगा। फिर गीदड़ और मोती बाग की ओर बढ़ने लगे।

जब वे बाग में पहुँचे, तो मोती को उनकी आंखों के सामने अनगिनत फलों और सब्जिया दिखाई दिए और उसकी खुशबू आ रही थी। इस दृश्य को देखकर मोती अपने आप को नहीं रोक पाया, और बिना देर किए वह रसीले फलों और सब्जियों का आनंद लेने लगा। गीदड़ और मोती ने अपनी भूख बुझाई और फिर उन्होंने वहीं बाग में आराम से सोने का फैसला लिया।

अगले दिन, जब सूरज उगने लगा, तो गीदड़ जाग उठा और बाग से बाहर निकलने का तय कर लिया। मोती सो रहा था, और गीदड़ ने उसे बताया कि वह अब वहाँ से जा रहा है। मोती ने बिना किसी सवाल के समझ लिया और दोनों बाग से चले गए।

फिर वे दोनों रोज़ मिलते थे और वैसे ही बाग में जाकर हरी-भरी सब्जियों और फलों का आनंद लेते थे। वक्त बीत गया, और मोती में सुधार आ गया और उसने अपनी ताक़त बढ़ा ली। अब वह तंदरुस्त हो गया था, और उसकी चाल में भी सुधार हो गया था। एक दिन मोती ने खूब खाने के बाद अपनी आवाज से गीत गाने का मन बनाया।

गीदड़ को यह सुनकर ख़तरा लग गया, और वह बोला, “ना मोती भैया, यह काम अब मत करना। अगर बाग के मालिक ने तुम्हारा गाना सुन लिया तो हम बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। इसलिए कृपया इस विचार को त्याग दो।”

मोती के स्वर को सुनकर गीदड़ ने दिन बचाने के लिए उसको रोकने की कोशिश की, लेकिन मोती को गाने का बहुत मन था। मोती बोला, “तुम क्या जानो संगीत के बारे में? हम गधे हैं, और हमारा गायन अपनी ग़रज़ से बहुत अच्छा होता है। हमारा गाया हुआ ‘ढेंचू’ राग लोग बड़े शौक से सुनते हैं। आज मुझे गाने का बहुत मन है, इसलिए मैं गाउंगा।”

गीदड़ ने समझ लिया कि अब मोती को गाने से रोकना मुश्किल हो गया है। उसने कहा, “ठीक है, तुम गाने का आनंद लो, पर मुझे अगले 15 मिनटों के लिए जाना है। फिर मैं तुम्हें एक अच्छी माला पहना दूंगा, ताकि जब तुम्हारा गाना समाप्त हो, तो मैं तुम्हारे साथ वापस आ सकूं।”

मोती ने इस पर सहमति दे दी। गधे के इतना कहते ही गीदड़ वहां से नौ दो ग्यारह हो जाता है।

गीदड़ के जाने के बाद, मोती ने गाना गाने का आरंभ किया। गधे की आवाज सुनते ही बाग का मालिक लाठी लेकर वहां पहुंच जाता है। वहां गधे को देख बाग का मालिक कहता है कि अब समझ आया कि तू ही है, जो मेरे बाग को रोज चर के चला जाता है। आज मैं तुझे नहीं छोड़ूंगा। इतना कहते ही बाग मालिक लाठी से गधे की खूब जमकर पिटाई करता है। बाग मालिक की पिटाई से गधा अधमरा हो जाता है और बेहोश होकर जमीन पर गिर जाता है।

Moral : इस संगीतमय गधा कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर कोई हमारे लिए कुछ बेहतरीन सलाह देता है, तो हमें उसे मान लेना चाहिए। कभी-कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि दूसरों की बात न मानने से हम मुसीबत में पड़ सकते हैं।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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