Moral Panchtantra

मुर्ख बन्दर और राजा –  Panchtantra Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

मुर्ख बन्दर और राजा –  Panchtantra Story In Hindi

सौ मुर्ख दोस्त से एक चालाक दुश्मन अच्छा ये कहावत तो आप सभी ने सुनी होगी । ये कहानी ( मुर्ख बन्दर और राजा –  Panchtantra Story In Hindi ) भी उसी के बारे में है ।

बहुत पुराने समय की बात है । किसी राज्य में एक राजा राज करता था । उस राजा के पास एक पालतू बन्दर था । वो बन्दर उस राजा का भक्त था और उसलिए ही राजा बन्दर पर बहुत ज्यादा भरोसा करता था ।

वैसे तो बन्दर राजा की अच्छी तरह से सेवा करता था और वो कभी भी राजा की सेवा करने में कोई कमी नहीं रखता था लेकिन बात कुछ ऐसी थी की वो बन्दर पूरी तरह से मुर्ख था ।

बन्दर को कोई भी काम अच्छी तरह से समज में नहीं आता था । राजा जब भी विश्राम करता तब बन्दर उनकी सेवा में हाजिर हो जाता था । बन्दर राजा के लिए हाथ पंखा चलाता था ।

एक दिन राजा हररोज की तरह सो रहे थे और ये बन्दर भी हररोज की तरह राजा की सेवा में हाजिर हो गया । वो उनके पास बैठकर हाथ पंखा चलाने लगा । तभी एक मक्खी आकर राजा के ऊपर बैठ जाती है ।

राजा के सेवक उस बन्दर ने जैसे ही मक्खी को देखा वो उस मक्खी को पंखे से भगाने की कोशिश करने लगा । लेकिन ये क्या मक्खी कभी उड़कर राजा के सिर पर तो कभी कंधे पर तो कभी राजा की छाती पर बैठ जाती थी ।

वो मुर्ख बन्दर काफी देर तक ऐसे ही मक्खी को भगाने की कोशिश करता रहा लेकिन मक्खी वहा से जाने का नाम ही नहीं ले रही थी । ये सब देखकर बन्दर को अब गुस्सा आता है और वो अब हाथ पंखे को छोड़कर तलवार निकाल लेता है ।

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जब मक्खी राजा के सिर पर बैठती है तब वो बन्दर तलवार लेकर राजा की छाती पर बैठ जाता था । बन्दर को ऐसे तलवार के साथ देखकर राजा काफी डर जाता है । अब वो मक्खी राजा के सिर से उड़ जाती है तब वो बन्दर उसे मारने के लिए हवा में तलवार चलाता है ।

थोड़ी देर के बाद वो मक्खी फिर से राजा के सिर पर आकर बैठ जाती है । बन्दर अभी भी उस मक्खी को उड़ाने के लिए उसके पीछे तलवार लेके घूमता है । और इतने में ही बन्दर तलवार चलाता है और राजा के बाल कट जाते है ।

वहा से उड़कर जब मक्खी राजा की मूंछ पर बैठती है तब बन्दर की तलवार से राजा की मूंछ भी कट जाती है । ये सब देखकर राजा बहुत डर जाता है और वो जैसे तैसे कर के अपनी जान बचाने के लिए कमरे में से बाहर निकल जाता है और बन्दर तलवार लेकर उसके पीछे भागता है ।

Moral : इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की हमें किसी मूर्ख को अपना दोस्त नहीं बनाना चाहिए और उसे कोई ऐसा जिम्मेदारी वाला काम भी नहीं देना चाहिए की जिससे बाद में हमें ही पछताना पड़े और वो हमारे लिए खतरा उत्पन्न कर दें ।

अगर आपको हमारी Story ( मुर्ख बन्दर और राजा –  Panchtantra Story In Hindi ) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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