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थॉमस अल्वा एडिसन – Success Story Of Thomas Alva Edison

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Written by Abhishri vithalani

थॉमस अल्वा एडिसन – Success Story Of Thomas Alva Edison

थॉमस अल्वा एडिसन को आज कौन नहीं जानता है । थॉमस अल्वा एडिसन ने बल्ब का अविष्कार किया । उन्होंने न केवल बल्ब का अविष्कार किया है बल्कि वोट रिकॉर्ड का , इलैक्ट्रिक कार की बैट्री का , मोशन पिक्चर्स का और ना जाने ऐसे ही कितने अविष्कार किये है ।

अगर उनकी सफलता की बात की जाए तो उनको इतने सफल बनाने में उनकी माता का बहुत बड़ा योगदान है । पढाई से लेकर उनकी इस सफलता के पीछे और किसी का नहीं बल्कि उनकी माता का ही हाथ है ।

बचपन में जब थॉमस अल्वा एडिसन पढाई करते थे तब एक दिन वो स्कूल से अपने घर पहुंचे और सीधे अपनी माता के पास गए और उन्होंने अपनी माता को एक पत्र दिया जो उनको स्कूल में से प्रिंसिपल ने दिया था ।

उन्होंने वो पत्र अपनी माता को दिया और उनसे कहा की मुझे ये पत्र स्कूल में से प्रिंसिपल ने दिया है और उन्होंने मुझे ये भी कहा है की तुम घर जाके अपनी माता को ये पत्र दे देना ।

थॉमस अल्वा एडिसन की माता ने वो पत्र तुरंत एडिसन के हाथो में से ले लिया और वो उसे पढ़ने लगी । पढ़ते – पढ़ते उनकी आंखे नम हो जाती है और वो एडिसन को गले लगा लेती है ।

एडिसन को पता नहीं चलता है की ऐसा इस पत्र में क्या लिखा है जिससे मेरी माता की आँखे नम हो गयी । वो तुरंत अपनी माता से पूछता है की माँ इस पत्र में क्या लिखा में मुझे भी बताओ ।

उनकी माता ने वो पत्र खोला और फिर दोबारा ज़ोर – ज़ोर से पढ़ने लगी ताकि एडिसन भी सुन पाए की इस पत्र में क्या लिखा है । उन्होंने वो पत्र पढ़ा – ” थॉमस अल्वा एडिसन एक जीनियस बच्चा है , बहुत ही ज्यादा Intelligent है , हमारे स्कूल में इस बच्चे को पढ़ाने के लिए टीचर मौजूद नहीं है, इस बच्चे को हम हमारे स्कूल ने नहीं पढ़ा सकते है , इसीलिए आप अपने बच्चे को अपने घर पर ही खुद पढ़ाइए ” ।

उस दिन के बाद से एडिसन को उसकी माता ने घर पर ही पढ़ाया । एडिसन ने भी पूरी लगन से मन लगाकर पढाई की । कुछ वक्त के बाद थॉमस अल्वा एडिसन ने बल्ब का अविष्कार किया और वो एक महान Inventor बन गए ।

उन्होंने पूरी दुनिया में अपना नाम बनाया । उनका पहला आविष्कार इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर मशीन था लेकिन उन्हें पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक बल्ब की वजह से पहचान मिली ।

इन सब के बिच में एडिसन की माता का देहांत हो गया । एक दिन जब एडिसन घर की साफ़ – सफाई कर रहे थे तब उन्हें एक पत्र मिलता और ये वही पत्र था जो बचपन में एडिसन को स्कूल में से प्रिंसिपल ने दिया था और कहा था की तुम ये पत्र अपनी माता को दे देना ।

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वो इस पत्र को खोलते है और पढ़ते है । उस पत्र में लिखा था – “आपका बेटा दिमाग से कमजोर है , वो मानसिक रूप से बहुत ज्यादा कमजोर है , हम आपके बेटे को अपने स्कूल में नहीं पढ़ा सकते है , आप इसे घर पर ही रखे ” ।

ये पत्र पढ़ने के बाद थॉमस अल्वा एडिसन की आँखों में आसु आ जाते है । उन्हें ये पत्र पढ़ने के बाद पता चलता है की उनकी माता ने कितना बड़ा काम किया है । वो बोलते है की मेरी इस सफलता के पीछे मेरी माँ का ही हाथ है ।

अगर उस दिन उनकी माता ने वो पत्र सही – सही पढ़ लिया होता तो एडिसन इतने बड़े Inventor कभी नहीं बन पाते । शायद इस दुनिया को इतने महान Inventor नहीं मिलते और इतने सारे अविष्कार ही नहीं हो पाते ।

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Abhishri vithalani

I am a hindi blogger. I like to write stories in hindi. I hope that by reading my blog you will definitely get to learn something and your attitude of living will also change.

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