स्टीव जॉब्स – Success Story Of Steve Jobs
ये बात तो हम सभी जानते ही है की हमें सफलता हमेशा निष्फलता में से ही मिलती है । इस आर्टिकल में हम स्टीव जॉब्स की कहानी से ये देखेंगे की उनको सफलता कैसे मिली थी ।
एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स आज इस दुनिया में नहीं रहे पर वो अपने इनोवेशन के वजह से आने वाले कही समय तक करोड़ों लोगो के दिलों में राज करेंगे ।
स्टीव जॉब्स का जन्म 24 फरवरी 1955 को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में हुआ था । कैंसर की बीमारी से पीड़ित स्टीव जॉब्स की मृत्यु 5 अक्टूबर 2011 को हुई थी । स्टीव जॉब्स की प्रसिद्ध स्पीच “Stay Hunger Stay Foolish” में उन्होंने अपने जीवन से जुडी कहानिया सुनाई थी ।
स्टीव जॉब्स ने १७ साल की उम्र में कॉलेज में दाखिला लिया था । पढाई के दौरान उन्हें लगा की उनके माता – पिता की सारी कमाई कॉलेज की पढाई में ही खर्च हो जाती है । उस वक्त उन्हें कुछ भी समज में नहीं आ रहा था । उन्हें ये भी नहीं पता था की वो आगे जाके क्या करेंगे ।
आखिर उन्होंने कॉलेज ड्रॉप करने का फैसला किया और सोचा की कोई काम करुगा जिनसे माता – पिता को मदद हो सके । उस वक्त सायद उनका ये निर्णय सही नहीं था पर बाद में उन्हें अपना ये निर्णय सही लगा था ।
उस समय उनके पास रहने के लिए कोई कमरा नहीं था इसलिए वो अपने दोस्त के कमरे में रहते थे और जमीन पर सो जाते थे । उन्होंने कोक की बॉटल्स भी बेचीं थी ताकि उनमे से जो पैसे मिले इनसे वो खाना खा सके । वो करीब सात मिल जितना चलते थे और फिर कृष्ण मंदिर जाते थे ताकि वो खाना खा सके ।
रीड कॉलेज कैलीग्राफी के लिए सारी दुनिया में बहुत ही ज्यादा मशहूर था । उस कॉलेज के पुरे कैम्पस में हाथ से बने हुए खूबसूरत पोस्टर्स लगे थे । यह देखकर स्टीव जॉब्स को कैलीग्राफी की पढाई करने की इच्छा हो गयी ।
उन्होंने शेरीफ और सैन शेरीफ टाइपफेस (serif and san serif typefaces) सीखे । उन्होंने इसी टाइपफेस से अलग- अलग शब्दो को जोड़कर टाइपोग्राफी तैयार की जिसमें डॉट्स होते हैं । करीब १० साल बाद उन्होंने पहला (Macintosh computer) डिज़ाइन किया ।
ये उनका पहला कंप्यूटर डिज़ाइन था । अगर वो कॉलेज से नहीं निकलते और कैलीग्राफी की पढाई नहीं करते तो फिर वो ये नहीं बना सकते थे ।
जब स्टीव की उम्र 20 साल की थी तब उन्होंने वॉजनिएक के साथ मिलकर एक गैरेज में एप्पल की शुरुआत की थी । वो दोनों ने इसमें बहुत सारी मेहनत की और 10 साल में वो लोग बहुत ऊपर पहुंच गए । एक छोटे से गैरेज में शुरू हुई कंपनी 2 बिलियन लोगो तक पहुंच गयी और इसमें 4000 जितने कर्मचारी काम करने लगे थे ।
उन लोगो ने मिलकर सबसे बेहतरीन क्रिएशन Macintosh को रिलीज किया । जैसे जैसे कंपनी आगे बढ़ने लगी उन लोगो ने कंपनी को सम्भालने के लिए एक प्रतिभाशाली व्यक्ति को चुना । पहले साल तो कंपनी में बहुत ही अच्छा काम हुआ पर भविष्य को लेकर उन लोगो का जो विज़न था वो पूरा नहीं हो सका ।
जब स्टीव 30 साल की उम्र के थे तब उन्हें कंपनी में से निकाल दिया गया । उस वक्त उन्हें ऐसा लग रहा था की उन्हें उनकी ही कंपनी से निकल दिया गया । इसके बाद पांच साल में स्टीव ने एक नयी कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम था ‘NeXT’ । इसके बाद उन्होंने एक और कंपनी तैयार की जिसका नाम था ‘Pixar’ ।
‘Pixar’ ने दुनिया की सबसे पहली कम्प्यूटर एनिमेटेड फीचर फिल्म Toy Story बनाई थी । आज भी इस स्टूडियो को सबसे बेहतरीन एनिमेशन स्टूडियो माना जाता है ।
इसके बाद एप्पल कंपनी ने ‘NeXT’ को खरीद लिया और स्टीव वापिस एप्पल में काम करने लगे । इस टेक्नोलॉजी ने एप्पल को नया जीवन दिया ।
अगर स्टीव को एप्पल से नहीं निकालते तो फिर वो ये सब नहीं कर पाते । हमारे जीवन में कही बार ऐसे पल भी आते है पर हमें इस वक्त घबराना नहीं चाहिए और अपना काम अच्छे से करना चाहिए । हमारे जीवन में कोई न कोई लक्ष्य जरूर होना चाहिए इनके बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते ।
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