Moral Short Stories

रस्सी और पर्वतारोही  – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

रस्सी और पर्वतारोही  – Short Moral Story In Hindi

हमें भगवान पर पूरा भरोसा रखना चाहिए। वो हमें जो भी करने का संकेत देते है हमें वो पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए। क्योकि ऐसा करने से हमारी ही भलाई होती है। इस कहानी ( रस्सी और पर्वतारोही  – Short Moral Story In Hindi ) में उसी के बारे में बात की गयी है।

एक पर्वतारोही था जिसे ऊँचे पर्वतो पर चढ़ने का एक जुनून था। कई वर्षो की तैयारी और प्रशिक्षण के बाद, उसने महसूस किया की वह पूरी दुनिया का कोई भी पर्वत किसी भी कठिनाई के बावजूद चढ़ सकता है।

एक बार पांच अन्य आदमियों के साथ एक चढ़ाई यात्रा के दौरान, उसने फैसला किया की वह पर्वत की चोटी पर अकेला पहुंचेगा ताकि वह वहा पहले पहुंच सके और जीत का दावा कर सके।

जब दूसरे सब लोग रात को सो रहे थे तब वह चोटी की तरफ बढ़ गया। जैसे ही उसने अपनी चढ़ाई शुरू की, वह बहुत खुश था क्योकि यह पूर्णिमा की एक रात थी और चाँद की रोशनी उसे उसका रास्ता खोजने में मदद कर रही थी।

जैसे ही वह चोटी के करीब पंहुचा उसका आत्मविश्वास बढ़ गया। लेकिन कम नसीब से, पहाड़ के चारो और घने बादल बनने शुरू हो गए, दृश्यता तेजी से कम हो गई और एक सर्द तूफ़ान शुरू हो गया।

सिर्फ कुछ ही मिनटों में, भारी बादलो और कोहरो ने उसे घेर लिया। अब वापिस लौटने के लिए बहुत देर हो चुकी थी, इसलिए उसने पर्वत पर चढ़ना जारी रखा।

जब वह पर्वत के शीर्ष से कुछ ही फुट नीचे था, वह फिसल गया और बहुत तेज गति से गिरने लगा। वह सिर्फ काले धब्बे देख सकता था जैसे जैसे वह नीचे जा रहा था। वह गिरता रहा और डर के उन पलो में उसकी जिंदगी के सभी अच्छी और बुरी घटनाएं उसके दिमाग में आई।

अब वह आने वाली मौत के बारे में सोच रहा था, अचानक उसने महसूस किया उसकी कमर से बंधी गई रस्सी ने उसे बहुत जोर से खींचा। अब उसका शरीर हवा में लटक रहा था। सिर्फ रस्सी उसे पकडे हुए थी। बेबसी के उस पल में, उसके पास यह चीखने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था। वह बोलने लगा की भगवान् मेरी मदद करो।

अचनाक आसमान से एक गहरी आवाज आयी और उसे जवाब मिला की, “तुम मुझसे क्या चाहते हो?” उस आदमी ने कहा भगवान् मुझे बचा लो।

उसे फिर से आवाज आयी – क्या तुम सच में सोचते हो की मै तुम्हे बचा सकता हू? उस आदमी ने कहा – बेशक मुझे विश्वास है की आप मुझे बचा सकते हो।

फिर से उसे आवाज आयी – तो फिर तुम अपनी कमर से बंधी हुई रस्सी को काट दो। वो पल एक चुप्पी का पल था। पल बीत गया और आदमी ने अपनी पूरी ताकत से रस्सी को पकडे रहने का फैसला किया।

अगले दिन बचाव दल ने कहा की – पर्वतरोही मरा हुआ पाया गया है। उसका शरीर एक रस्सी से लटक रहा था और उसके हाथ इसे कसकर पकडे हुए थे। वह जमीन से सिर्फ एक फुट ही दूर था।

Moral : हमें रस्सी काटने के लिए पूरा विश्वास होना चाहिए। अगर भगवान् हमें ऐसा करने के लिए कहते है, भले ही जब ऐसा करना सबसे मूर्खतापूर्ण चीज़ लगती हो।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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