रास्ते का भूत – Horror Story In Hindi
किसी अनजान इंसान के बारे में सोचना नहीं चाहिए और बिना किसी व्यक्ति की सही जानकारी के उसके घर तो बिल्कुल नहीं जाना चाहिए। इस कहानी (रास्ते का भूत – Horror Story In Hindi) में यही बताया गया है।
दिल्ली के एक गाँव में रहने वाला अवि एक सामान्य लड़का था जो एक सफाई कार्यकर्ता के रूप में किसी फैक्टरी में काम करता था। उसके घर से फैक्ट्री जाने के लिए वो हमेशा अपनी साइकिल का सहारा लेता था, क्योंकि फैक्ट्री करीब पांच किलोमीटर दूर थी। रोज वह वैसे ही अपने काम के लिए निकल जाता था।
एक दिन, अवि को अपने काम के लिए फैक्ट्री जाने के दौरान रास्ते में एक लड़की दिखाई दी। यह लड़की उसे गुस्से में देख रही थी, और उसकी ओर घूर रही थी। अवि ने इसे देखकर भीगी हुई आंखों से इसे गौर से नहीं देखा और फैक्ट्री की ओर अग्रसर हो गया।
अगले कुछ दिनों तक, वह लड़की रोज उसी चौराहे पर खड़ी थी, और अवि को गूंथ-गूंथकर देखती रहती थी। अवि ने उस लड़की के दिशा में मुँह फेर लिया और सीधे अपने काम में लग जाता।
इस तरह एक सप्ताह बित गया, और वह लड़की अचानक से वहाँ से गायब हो गई। यह देखकर अवि चौंक गया और सोचने लगा कि ऐसा क्यों हुआ, और यह लड़की क्यों वहां नहीं है। वह डरकर अपने काम पर लग गया, लेकिन उसके मन में यह बात चुभ गई कि क्या हो सकता है।
एक दिन जब शाम को अवि घर पहुंचा, तो उसे अपने बेड पर एक चिट्ठी दिखी।
उसमें लिखा था, “मेरा नाम प्रीति है। मैं तुम्हें एक हफ्ते पहले रोज एक चौराहे पर दिखती थी। कल शाम तुम वहीं पर खड़े होकर मेरा इंतजार करना।” उस चिट्ठी में एक फोटो भी था, जो उसी चौराहे पर खड़ी लड़की से मिलती थी।
अवि के मन में हुआ कि आखिर इसे मेरे घर का पता कैसे मिला होगा और ये चिट्ठी मेरे बेड तक कैसे पहुंची। इसी सोच के साथ वो सो गया। अगले दिन उठकर जब काम के लिए जाने लगा, तो उसे चिट्ठी वाली बात याद आ गई। साइकिल से वो सुबह फैक्ट्री पहुंचा और दिनभर उसी लड़की के बारे में सोचता रहा। शाम को वो उस चौराहे पर पहुंचकर उस लड़की का इंतजार करने लगा। काफी देर हो गई, लेकिन वो आई नहीं।
अवि इंतजार करके थक गया था, इसलिए वो घर की ओर निकल गया। घर पहुंचते ही उसने सोचा कि क्यों न चिट्ठी पर लिखे हुए पते पर जाकर ही उस लड़की से मिल लिया जाए। रात होने को थी, इसलिए उसने सुबह-सुबह उस लड़की के घर जाने की सोची।
सुबह होते ही जल्दी तैयार होकर अवि चिट्ठी पर लिखे पते पर जा पंहुचा। वहां जाकर जब उसने घर की घंटी बजाई तो एक आदमी बाहर आया। उससे अवि ने कहा कि मुझे प्रीति से मिलना है। यह सुनते ही वह व्यक्ति चौंक गया। जवाब में उसने पूछा, “क्या प्रीति से मिलना है? उसे मरे हुए तो सात महीने हो गए हैं, तुम्हें अब उससे क्या काम याद आ गया?”
यह सुनते ही अवि के होश उड़ गए। डर के मारे शरीर कांपने लगा। किसी तरह खुद को संभालकर अवि घर पहुंचा और चिट्ठी को जला दिया। उसके मन में कई तरह के सवाल उठने लगे। उसने सोचा कि वो लड़की जो मुझे रोज दिखती थी वो भूत थी। मुझे एक भूत ने चिट्ठी भेजी थी। यही सोचकर वो घर में दुबक कर बैठ गया। उस दिन से अवि न तो रास्ते में किसी को देखता था और न ही किसी अनजान इंसान के बारे में सोचता था।
Moral : किसी अनजान इंसान के बारे में सोचना नहीं चाहिए और बिना किसी व्यक्ति की सही जानकारी के उसके घर तो बिल्कुल नहीं जाना चाहिए।
Note : (रास्ते का भूत – Horror Story In Hindi) ये कहानी केवल मनोरंजन के लिए है इसके पीछे हमारा उदेश्य किसी भी प्रकार की अंधश्रध्धा का प्रसार करने का नहीं है ।
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