Moral Short Stories

लक्ष्मी का वास – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

लक्ष्मी का वास – Short Moral Story In Hindi

जिस परिवार के सदस्यों में आपस में प्रेम होता है, कभी भी झगड़ा नहीं होता है वही पर लक्ष्मी का वास होता है। इस कहानी (लक्ष्मी का वास – Short Moral Story In Hindi) में यही बताया गया है।

एक बहुत धनी व्यापारी थे। एक रात उन्होने सपना देखा कि लक्ष्मीजी उनसे कह रही है, “मैंने बहुत दिनों तक तुम्हारे यहाँ निवास किया है, अब तुम्हारा पुण्य समाप्त हो गया है। अब थोड़े दिनों में मै तुम्हारे यहाँ से चली जाउंगी। मुझसे जो भी मांगना हो मांग लो।”

व्यापारी बोले – मै अपने परिवार कि सलाह लेकर आपको कल बताऊंगा। व्यापारी की जब सुबह नींद खुली तो पुरे परिवार को सारी बात बताई। लक्ष्मीजी से क्या माँगा जाए उसके बारे में सबके अलग – अलग विचार थे।

परिवार में कोई कह रहा था कि इतनी धन – दौलत मांग लो कि पूरा जीवन आराम से बीत जाए, तो कोई कह रहा था कि जीवन भर के लिए अन्न मांग लो। किसी ने सलाह दी कि ढेरो जमीन मांग ली जाए जिसमे खेती करके हम अपना जीवन आराम से काट लेंगे।

व्यापारी कि छोटी बहु बहुत ज्यादा बुद्धिमान थी। वह बिना कुछ बोले चुपचाप सबकी बातें सुन रही थी। अंत: वह बोली पिताजी! मेरे हिसाब से धन – दौलत और खेती – बाड़ी मांगना ठीक नहीं है क्योकि यह सब लक्ष्मीजी के साथ ही चला जायेगा। आखिर में ये सब तो लक्ष्मी का ही हिस्सा है।

हमें इनकी बजाय परस्पर प्रेम का वरदान मांगना चाहिए। अगर परिवार के सभी सदस्यों में प्रेम बना रहेगा तो बड़ी से बड़ी मुसीबत भी आराम से कट जाएगी।

सब मिलकर सामना करेंगे तो सारे संकट दूर हो जायेगे। उनको अपनी छोटी बहु कि बात बहुत ज्यादा पसंद आई। दूसरे दिन सपने में लक्ष्मीजी से उसने परिवार का प्रेम माँगा।

लक्ष्मीजी बहुत प्रसन्न हुई। उन्होंने कहा जिस परिवार के सदस्यों में आपस में प्रेम होता है, कभी भी झगड़ा नहीं होता है, वहा से मै कभी जा ही नहीं सकती। इस तरह उनके घर में लक्ष्मी का वास हमेशा के लिए हो गया।

Moral : हमें परस्पर प्रेमपूर्वक रहना चाहिए। जिन घरो में आपस में प्रेम नहीं होता है, उन्हें देवता भी पसंद नहीं करते। एक बार स्वयं लक्ष्मीजी ने इंद्र को बताया था कि वे कहा निवास करती है –

गुरवो यत्र पूज्यन्ते, यत्रावाहनाम सुसंस्कृतम।
अदंतकलहो यत्र, तत्र शक्र वसाम्यहम।।

अर्थात जहा बड़ो और गुरुओ का सम्मान होता है, जहा सभ्यतापूर्वक बात की जाती है, जहा कलह नहीं होती है, है इंद्र! में वहा निवास करती हु।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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