Kids Moral Short Stories

काबिलियत की पहचान  – Short Moral Story In Hindi

kaabiliyat-kee-pahachaan-short-moral-story-in-hindi
Written by Abhishri vithalani

काबिलियत की पहचान  – Short Moral Story In Hindi

हमारे पास अनगिनत गुण और क्षमताएं होती हैं, लेकिन कई बार हम खुद को उनसे अनजान रखते हैं। हम सही तरीके से अपनी काबिलियत की पहचान नहीं कर पाते है। ये कहानी( काबिलियत की पहचान  – Short Moral Story In Hindi) उसी के बारे में है।

किसी जंगल में एक बड़ा तालाब था। इस तालाब के पास एक बगीचा था, जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधों और पेड़ों के फूल थे। लोग दूर-दूर से आकर इस बगीचे की सराहना करते थे।

तालाब के किनारे पर एक गुलाब का पौधा था, जिसके फूल की सभी सराहना करते थे। लेकिन कोई भी उस गुलाब के पेड़ पे लगे पत्ते की तारीफ नहीं करता था, पत्ते को लगता था की एक दिन मेरी तारीफ भी जरुरु करेंगे। कई दिन हो गए लेकिन किसी ने उस पत्ते की तारीफ नहीं की। इससे उस पत्ते का मन बहुत उदास हो गया। उसके मन में अनेक सवाल उठने लगे कि क्यों उसकी सराहना नहीं होती। वह महसूस करने लगा कि उसका जीवन अवांछित है।

कुछ दिनों बाद, एक दिन जंगल में एक आंधी आई। आंधी के साथ-साथ तालाब की बहुत ऊंची लहरें उठने लगीं और बगीचे के पौधों को झौंक दिया। फूल झड़ने लगे और गुलाब की भी शाखाएँ टूट गईं।

पत्ते का मन और भी उदास हो गया, लेकिन फिर उसकी नजर एक छोटी सी चींटी पर पड़ी, जो हवा के झोंकों के साथ तालाब की ओर जा रही थी। चींटी कई बार प्रयास करती रही, लेकिन उसकी ताकत खत्म हो रही थीं और वह तालाब में गिरने वाली थी।

पत्ते ने देखा कि चींटी की समस्या क्या है और उसे उदास होते हुए अपनी सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। वह चींटी के पास गया और बोला, “मत डरो, मैं तुम्हारी मदद करूँगा।”

फिर पत्ते ने अपने ऊपर चींटी को बिठाया। कुछ समय बाद आंधी रुक गई और चींटी सलामत हो गयी। चींटी बगीचे के किनारे पर जा गिरी और गुलाब के पत्ते को धन्यवाद दिया, “आपने मेरी जान बचाई, मैं आपके लिए हमेशा कृतज्ञ रहूँगी।”

पत्ते ने उसे जवाब दिया, “धन्यवाद तुम्हे मुझे नहीं बल्कि धन्यवाद तो मुझे तुम्हे करना चाहिए क्योंकि तुम्हारी वजह से मैंने अपनी क्षमता को पहचाना है, जिसे मैं आज तक अनजान था। तुमने मेरे जीवन को महत्वपूर्ण बना दिया।”

Moral : मित्रों, इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारे पास अनगिनत गुण और क्षमताएं होती हैं, लेकिन कई बार हम खुद को उनसे अनजान रखते हैं। हमें खुद की क्षमता को पहचानना चाहिए और उसे सही दिशा में उपयोग करना चाहिए। हार-जीत, सफलता-असफलता के बावजूद हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए, क्योंकि हम कभी-कभी खुद को अनदेखा कर देते हैं, जब हमें आपनी क्षमताओं का पता नहीं होता।

अगर आपको हमारी Story ( काबिलियत की पहचान  – Short Moral Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

Leave a Comment