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जीवनसाथी – Inspirational Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

जीवनसाथी – Inspirational Story In Hindi

आपके जीवन में आपके लिए सबसे Important एक व्यक्ति कौन है ? इस कहानी (जीवनसाथी – Inspirational Story In Hindi) में एक Game के द्वारा इसी मुद्दे पे बात होती है ।

एक दिन College में Happy Married Life इस Topic पर एक कार्यक्रम रखा था । उस कार्यक्रम में College Students के माता – पिता को इसमें हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था ।

College के प्रोफेसर जब मंच पे आते है तब उन्होंने ये देखा की सभी पति- पत्नी के शादी पर Joke कर रहे थे और वहा बैठे सब हँस रहे थे ।

ये सब देखकर प्रोफेसर ने सभी से कहा की चलो सबसे पहले एक Game खेलते है उसके बाद हम सभी अपने विषय पर बात करेंगे । Game  खेलने की बात सुनकर ही उपस्तित सभी लोग बहुत खुश हो जाते है और कहते है बताओ की हम कौन सा Game खेलने वाले है ?

प्रोफेसर उन सभी लोगो में से एक Married लड़की को खड़ा करते है और कहते है की तुम यहाँ आगे आओ और ब्लेक बोर्ड पे ऐसे 20 – 25 लोगों के नाम लिखो जो तुम्हे सबसे अधिक प्यारे हों ।

उस लड़की ने सबसे पहले तो ब्लेक बोर्ड पे अपने परिवार के लोगो के नाम लिखे, फिर उसने अपने सगे सम्बन्धी, पडोसी और दोस्तों के नाम लिखे , बाद में उसने अपने सहकर्मियों के नाम लिख दिए ।

अब प्रोफेसर ने उस लड़की से कहा की तुम इस 25 नामो में से कोई भी 5 नाम मिटा दो , जिसे तुम कम पसंद करती हो ।

उस लड़की ने अपने सह कर्मियों के नाम मिटा दिए । अब प्रोफेसर ने उसे कहा की और 5 नाम मिटा दो , इस बार लड़की ने थोड़ा सोचा और फिर अपने पड़ोसियो के नाम मिटा दिए ।

अब प्रोफ़ेसर ने और 11 नाम मिटाने को कहा । इस बार लड़की ने अपने सगे सम्बन्धी और दोस्तों के नाम भी मिटा दिए ।

अब इस ब्लैक बोर्ड पर सिर्फ 4 नाम ही बचे थे , इस 4 नाम में उसके मम्मी – पापा,पति और उसके बच्चे का नाम था । अब प्रोफेसर ने उसे कहा की इसमें से और 2 नाम मिटा दो ।

लड़की अब असमंजस में पड़ जाती है , वो बहुत सोचने के बाद दुखी होकर अपने मम्मी – पापा का नाम मिटा देती है ।

उस लड़की को देखते हुए वहा पर उपस्तित सभी लोग स्तब्ध और शांत थे क्योकि वो सब जानते थे की ये Game सिर्फ वो लड़की ही नहीं खेल रही थी किन्तु वहा उपस्तित बाकी सब भी बैठे बैठे मन ही मन ये Game खेल रहे थे ।

अब ब्लैक बोर्ड पर सिर्फ दो ही नाम बचे थे । एक नाम उसके पति का था और दूसरा नाम उसके बच्चे का था । अब प्रोफेसर ने उसे कहा की इसमें से एक और नाम मिटा दो ।

अब लड़की रोने लगी और बहुत सोचने के बाद उसने रोते – रोते अपने बच्चे का नाम मिटा दिया । प्रोफेसर ने फिर उस लड़की से कहा तुम अपनी जगह पर जाकर बैठ जाओ ।

वो लड़की अपनी जगह पर जाकर बैठ जाती है , प्रोफेसर सभी की तरफ गौर से देखते है और पूछा- क्या कोई बता सकता है कि ऐसा क्यों हुआ कि सिर्फ पति का ही नाम बोर्ड पर रह गया ।

वहा पर उपस्तित लोगो में से कोई जवाब नहीं दे पाया । प्रोफेसर ने फिर उसी लड़की को खड़ा किया और उनसे पूछा की ऐसा क्यों ? जिसने तुमको जन्म दिया और पाल – पोस के इतना बड़ा किया उनका नाम भी तुमने मिटा दिया , और तो और तुमने खुद जिसे अपनी कोख से जन्म दिया उस बच्चे का भी नाम मिटा दिया ।

उस लड़की ने उत्तर दिया की अब मम्मी- पापा की उम्र हो चुकी है , कुछ साल के बाद वो मुझे और इस दुनिया को छोड़ के चले जायेंगे । मेरा बच्चा भी बड़ा हो जायेगा तो जरूरी नहीं कि वो शादी के बाद मेरे साथ ही रहे , किन्तु मेरे पति जब तक मेरी जान में जान है तब तक मेरा आधा शरीर बनके मेरा साथ निभायेंगे ।

इस वजह से मेरे लिए सबसे Important मेरे पति है । प्रोफ़ेसर और वहा उपस्तित सभी लोगो ने उस लड़की को तालियों की गूंज से सलामी दी ।

प्रोफ़ेसर ने कहा तुमने बिलकुल सही कहा कि तुम और सभी लोगो के बिना रह सकती हो किन्तु अपने आधे अंग यानि की अपने पति के बिना नहीं रह सकती ।

हम जब तक मजाक मस्ती करते है तब तक तो ठीक है लेकिन हर इंसान के लिए अपना जीवनसाथी ही सब से ज्यादा अजीज होता है ।

अगर आपको हमारी Story ( जीवनसाथी – Inspirational Story In Hindi) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी Story ।

About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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