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जीने की राह – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

जीने की राह – Short Story In Hindi

क्या आपको पता है की जीवन जीने की राह कौन सी है? इस कहानी (जीने की राह – Short Story In Hindi) में एक संत ने एक आदमी को एक उदाहरण के द्वारा जीवन जीने की राह बताई है।

संत एकनाथ के पास एक आदमी आया और पूछा महाराज दुनिया में किस तरह से रहना चाहिए? संत ने कहा – जरा सामने आ पहले तेरा माथा देख लू कि तेरा जीवन बाकि भी है कि नहीं। वो आदमी सामने आया और माथा दिखाया।

संत ने कहा तेरी तो सात दिनों में मौत हे अब तू कहे तो बताऊ? आदमी बोला फिर रहने दो। वो भागता हुआ गया। वो बहुत चिंतित हो गया था। सबसे पहले उसने उन लोगो से माफ़ी मांगी जिनको उसने भला बुरा कहा था।

फिर जिन लोगो से झगड़ा किया था, बेईमानी कि थी उनसे भी जाकर माफ़ी मांगी। घर जाकर बच्चो को बच्चो का हक़ दे दिया, उसकी पत्नी को पत्नी का हक़ दे दिया।

उसने पत्नी से कहा कि मेरी यात्रा का मोड़ मूड रहा है, में भगवान का सहारा ले रहा हु, अगर हो सके तो तू भी भगवान का सहारा ले लेना। इस तरह से इस आदमी के सात दिनों में से छ दिन तो बीत गए।

सातवे दिन वो भगवान् के ध्यान में बैठा। आज उसका मन बड़ा हल्का था। फिर उसे याद आया कि एक बार संत से चलकर पूछ लू कि कैसे जीना है, अगले जन्म में फिर वैसे जी लेंगे।

वो गया संत के पास, और उसने पूछा कि महाराज आप मुझे बताओ कि किस तरह से दुनिया में जीना चाहिए? संत ने कहा में बताऊंगा पर तू पहले ये बता कि तुम्हारे ये सात दिन कैसे रहे? तुमने इन सात दिनों में कितने लड़ाई झगड़े किये? किस किस से बेईमानी की?

ये आदमी बोला महाराज मैंने कोई नए लड़ाई झगड़े नहीं किए। बल्कि जो पुराने थे उनसे भी जाकर माफ़ी मांग ली और उन्होंने भी मुझे माफ़ कर दिया।

संत ने फिर पूछा – अच्छा! तो अब मुझे ये बताओ की तुमने इन सात दिनों में भगवान को याद किया की नहीं? ये आदमी बोला महाराज सिर्फ भगवान ही याद रहे, क्योकि मौत सामने थी।

संत ने कहा तो फिर जा बाकी की जिंदगी भी ऐसे ही बीता। ये बोला पर आपने तो हमारा माथा देखा था, सातवे दिन मौत बताई थी। संत ने कहा मौत तो इन सात दिनों में ही है – सोमवार नहीं तो मंगल , नहीं तो रविवार। यही सात दिन है इनमे ही आदमी जन्म लेता है और इन्ही सात दिनों में मरता है। तुझे जरा घुमा के समझाया है वरना आदमी समझता कहा है।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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